यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 4 अगस्त 2019

मजबूरी को देख फाँसना


मजबूरी को देख फाँसना अच्छी बात नहीं
ऐसे ही सरेआम झाड़ना  अच्छी बात नही

मैं अच्छा लेखक हूँ जी पर कहना मुश्किल
अपनी प्रशंसा खुद करना अच्छी बात नहीं

आड़ में कहें गज़ब  का  लिखता है यारों
सामने  बस  आलोचना अच्छी बात नहीं

कल का  लौंडा  क्या लिख्खेगा पता नहीं
प्रतिभा  को  यूँ आँकना अच्छी बात नहीं

ढलती उम्र  में कुर्सी  का यूं रौब न कर
अपने दर्जे से यूँ गिरना अच्छी बात नहीं

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – पवनतिवारी@डाटामेल.भारत  

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