मजबूरी को देख फाँसना अच्छी बात नहीं
ऐसे ही सरेआम झाड़ना अच्छी बात नही
मैं अच्छा लेखक हूँ जी पर कहना मुश्किल
अपनी प्रशंसा खुद करना अच्छी बात नहीं
आड़ में कहें गज़ब का लिखता है यारों
सामने बस आलोचना अच्छी बात नहीं
कल का लौंडा क्या लिख्खेगा पता नहीं
प्रतिभा को यूँ आँकना अच्छी बात नहीं
ढलती उम्र में कुर्सी का यूं रौब न कर
अपने दर्जे से यूँ गिरना अच्छी बात
नहीं
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – पवनतिवारी@डाटामेल.भारत
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