पूछो तो कहते
हैं कोई बात
नहीं है
नाम जो
लो कहते उसकी औकात नहीं है
मेरे गीतों में
सब तुम्हरे उत्तर हैं
अलग से कोई मेरे पास जवाब नहीं है
जो भी सफाई दे सकता दी कविता में
और कहीं जाकर बोलूँ मेरी जात नहीं है
जो भी सफाई दे सकता दी कविता में
और कहीं जाकर बोलूँ मेरी जात नहीं है
तुम्हें लगा अब मुझे पता था पहले से
इसके सिवा कहीं पर और शबाब नहीं है
जब भी आयें
गीत उन्हें हम गा लेते
दिल गीतों का
प्रेमी कोई नवाब नहीं है
कल ही मिला था आज भुला देगा हमको
एक हक़ीकत है हम कोई ख़्वाब नहीं है
कल ही मिला था आज भुला देगा हमको
एक हक़ीकत है हम कोई ख़्वाब नहीं है
हँस लेने दो
उसकी ऐसी बातों पर
पी
जायेगा हमहो हम कोई आब नहीं है
किसी के भी कंधे पर रखकर सर रोऊँ
इतना हल्का भी अपना जज्बात नहीं है
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक –
पवनतिवारी@डाटामेल.भारत
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