उसे समझना है प्रसाद सूर तुलसी को
कोई बताओ उसे सीखकर
हिन्दी आये
वो निराला, वो तो गाँधी तक से भी लड़े
उनसे बतियाओगे, कैसे
बिना हिन्दी आये
उसे मीरा को
महादेवी को समझना है
अरे समझाओं उसे भाषा तो हिन्दी आये
मिलोगे कैसे भला
प्रेमचन्द, दिनकर से
वो तो हिन्दी हैं
मिलोगे बिना हिन्दी आये
जो भी भाषाएं हैं
प्यारी हैं बहुत अच्छी हैं
पर मेरी माता है हिन्दी तो हिन्दी आये
वो बड़ा ज्ञानी है विज्ञानी है सब ठीक है
मेरी भी अभिलाषा पर उसे हिन्दी आये
ये मधुर सत्य है
भारत की बिंदी है हिन्दी
जो हिय का साफ़ है हिय
में लिये हिन्दी आये
वो सुने ध्यान से
समझना है जिसे भारत को
आये जो भारत तो वो सीखकर
हिन्दी आये
मेरी प्रशंसक है अनुराग
उसे है मुझसे
मेरा अनुराग है
हिन्दी उसे हिन्दी आये
पवन के गीत जिसे
प्रिय जिसे भी सुनना है
अपने हिय में
बसा करके वो हिन्दी आये
पवन तिवारी
संवाद : ७७१८०८०९७८
अणु डाक : poetpawan50@gmail.com
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