कौन कहता है अब दिल
हमारा है
ये किसी और दिल का
सहारा रहा
लूट कर ले गया पूरे अधिकार से
रूह जाने से
तन बेसहारा रहा
कुछ हमारा रहा कुछ
तुम्हारा रहा
दोनों का आधा आधा
किनारा रहा
साथ में हँसते हैं साथ में रोते हैं
अपना अंदाज थोड़ा
आवारा रहा
चाँद कुछ ही दिनों तक सितारा रहा
आसमां कुछ दिनों तक
ही प्यारा रहा
प्यार को अपने छत पे
जो ले आया मैं
चाँद तारों का फीका
नज़ारा रहा
यूँ ख़ुमारी रही यूँ
असर भी रहा
ऐसे सपनों में कुछ
दिन बसर भी रहा
बाद में यदि सम्भाले गृहस्ती न तुम
सबसे त्रासद इशक का
हसर भी रहा
पवन तिवारी
संवाद- ७७१८०८०९७८
१७/०४/२०२१
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें