यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शुक्रवार, 5 अप्रैल 2019

राम नाम सबसे पावन है























राम  नाम  सबसे  पावन है
रूप  मनोहर मन  भावन है
राम नाम ले तुलसी तर गये
राम  नाम  ऋतु  सावन है

राम  दुलारे  हनुमत  प्यारे
सब सुख  केवल राम दुआरे
राम की महिमा राम ही जाने
दीन  दुखी  के  राम सहारे

राम की महिमा राम सी कर गयी
राम  चरण  से अहिल्या तर गयी
शबरी  राम  के  नेह  को  पाकर
राम  कृपा  से  राम  के घर गयी

राम  तो  मन  के  चन्दन  हैं
दशरथ   के   प्रिय   नंदन  हैं
मर्यादा   जग  को   सिखलाये
रघुनंदन   को  शत  वन्दन है

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com

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