ये क्या कम कि नाम हुआ
है
कहे कि वह बदनाम हुआ है
मात पिता सेवा में जुटा
जो
सचमुच चारो धाम हुआ है
मतलब वाले यार जो छूटे
समझो अच्छा काम हुआ है
अच्छा काम किये चुपचाप
जो
यश उसका गुमनाम हुआ है
जिसका संग्रह बेईमानी से
उसका चैन हराम हुआ है
मर्यादा के लिए लुटा जो
आगे चलकर राम हुआ है
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com
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