प्यार मुझे तुमसे
चलो मान लिया
मैंने ही झूठ कहा चलो मान लिया
तुम्हारे प्यार में
बदनाम हुआ
बहुत तुमने सहा चलो
मान लिया
कहो तुम जो भी बहुत
अच्छा है
मैं ही बुद्धू रहा
चलो मान लिया
प्रेम में शेर भी सियार हुए जाते हैं
मैं ही हूँ गदहा चलो मान लिया
वो देती थी बद्दुआ ताने
कि रोई बारहा चलो
मान लिया
जिसको पड़ती है वही
जाने पवन
तुम्हें ये कहकहा चलो मान लिया
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक –
poetpawan50@gmail.com
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