प्यार हो ऐसे में नजदीकियाँ
जरूरी हैं
और होने पे जरा दूरियाँ
जरूरी हैं
हो न मुश्किल तो
खुदा हो
जायें
थोड़ी सी ही मगर मजबूरियाँ जरूरी
हैं
यूँ
ही कट
जाना कोई जीवन है
जिंदगी में भी कुछ कहानियाँ
जरूरी हैं
जिंदादिल हों थोड़ी अपनी भी करें
जिंदगी में थोड़ी बदमाशियाँ
जरूरी हैं
जिंदगी क्या है समझने के लिए
कह दूँ सच तो सुनो नाकामियाँ
जरूरी हैं
बहुत नैतिक भी मारे जाते हैं
जरा सी ही सही बेईमानियाँ जरूरी
हैं
शाम को पंछी भी घर आते हैं
इत्तू से ही सही पर आशियाँ जरूरी
हैं
बुलंदी के लिए
जुनूं भी
चाहिए
पवन चिंता थोड़ी बेचैनियाँ जरूरी
हैं
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणुडाक – poetpawan50@gmail.com
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