कुछ
दर्द लिए जीते हैं
कुछ
मर्ज लिए जीते हैं
आए
हैं जग में तो
यह
सोच लिए जीते हैं
कुछ
ख्वाब लिए जीते हैं
कुछ
आस लिए जीते हैं
कुछ
लक्ष्य लिए उर में
अवसर
के लिए जीते हैं
कुछ
याद लिए जीते हैं
कुछ
बात लिए जीते हैं
सबकी
अपनी वजहें
कुछ
खुद के लिए जीते हैं
कुछ
नाम लिए जीते हैं
कुछ
प्रेम लिए जीते हैं
उनके
जीने को नमन करूं
जो
देश लिए जीते हैं
पवन
तिवारी
संवाद
– ७७१८०८०९७८
अणु
डाक – poetpawan50@gmail.com
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