जय माँ दुर्गे जय जगदम्बे
कष्ट निदान करो हे
अम्बे
अष्टभुजी जग जननी माता
तुम्हरी भक्ति भजन
हूँ गाता
दीन-दयाल दया की
सागर
पूजें तुम्हें खुद
गिरधर नागर
महाशक्ति, महाकाली ,
माया
निर्धन अपढ़ पे कर दो
दाया
उग्रा , उमा , अजा हे
माता
शोक हरो तुम हो सुखदाता
कामाक्षी , कालिका व
काली
भद्रा , भवानी व काली
नाम अनंत तुम्हारे माता
सुख समृद्धि सभी की दाता
पूजा अर्चन अधम न जाने
तुम हमरी बस तुमको
जाने
कृपा करो जगदम्बा गौरी
योगिनी सिंहस्थ परमेश्वरी
अपराजिता , अपर्णा , जननी
भक्ति का वर दो माँ
पंचाननी
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com
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