फूल भी जीवन शूल भी जीवन
सुख भी जीवन दुःख भी
जीवन
कैसे व्याख्या सहज करोगे
जीवन के भीतर भी जीवन
समय के साथ बीतता
जीवन
प्रति यम, प्रहर,घड़ी
है जीवन
जितने में कर सके हो
अच्छा
उतना तुम्हारा अच्छा
जीवन
शून्य भी है अनंत भी
जीवन
देखा भोगा भी है जीवन
जीवन की व्याख्या है
दुर्लभ
सबका अपना मत है
जीवन
मैं कवि हूँ कविता
मेरा जीवन
एक - एक अनुभूति है
जीवन
परहित और राष्ट्रहित में जो
जिया उसी का सच्चा जीवन
जैसी बुद्धि है, वैसा
जीवन
जैसी व्याख्या वैसा
जीवन
जो जैसा , परिभाषा
वैसी
लोग अनंत,अनंत है
जीवन
पवन तिवारी
अणु डाक - poetpawan50@gmail.com
संवाद- 7718080978
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