पढ़ा–लिखा परिवार हमारा
चमके चहुँ शिक्षा का
तारा
शिक्षा है तो सब
संभव है
शिक्षा जीवन का
उजियारा
घर - घर में शिक्षा
की बाती
शिक्षा सबकी बन जाए थाती
अन्धकार बिन शिक्षा
जीवन
बिन शिक्षा सद
दृष्टि न आती
सुनना - गुनना है जीवन को
तो पढना लिखना जन-जन
को
जो शिक्षा पूरे मन से गहेगा
वो समझेगा जन गण मन
को
हम चाहें जो भारत न्यारा
विश्व गुरु हो , देश हमारा
तो सब मिलकर पढ़ो पढ़ाओ
पढ़ा - लिखा हो देश
हमारा
पवन तिवारी
सम्वाद – ७७१८०८०९७८
अणुडाक - poetpawan50@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें