यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 7 जुलाई 2018

सब व्यर्थ हो गया

सब व्यर्थ हो गया
जब से अर्थ हो गया
यत्न जितने किये
सब शर्त हो गया

कुछ खास बात थी
कुछ आम बात थी
जेब खाली कहा
बकवास बात थी

कुछ मित्र खास थे
कुछ मित्र आम थे
कुछ साथ को कहा
सब अन्जान थे

पवन तिवारी
सम्वाद - 7718080978


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