लेके वो प्यार वाली
किताब आएगा
वरक खोलेगा तो फिर गुलाब आयेगा
है वो भोला मगर प्यार में
देखना
सामने तेरे बनकर
नबाब आयेगा
लब से उसने कहा कुछ नहीं गम न कर
आखों में देख
उसके जवाब आयेगा
आयेगा जब कभी लौट
कर देखना
लेके अपनी वफा का हिसाब आयेगा
दौलतों का महल थोड़ा बढ़
जाने दो
देखना झूठ का फिर रुआब आयेगा
सबसे हँसकर अदब से मिलो तुम “पवन”
जाने किस
पर समय का श़बाब आयेगा
पवन तिवारी
सम्पर्क – ७७१८०८०९७८
poetpawan50@gmail.com
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