भावना, संवेदना, करुणा
भी तेरी सहचरी
ज्ञान हो या विवेक
तेरी कृपा से मिलता है माँ
आदमी तेरी कृपा से
आदमी बनता है माँ
प्रेमचन्द,विवेकानन्द
तो दयानन्द व घनानन्द
मीरा,सूर,कबीर,रहिमन
तानसेन तेरे ही नन्द
हो कृपा जिस पर तेरी
वो जग प्रशंसित नर रहे
कालीदास व दास तुलसी
भी तो तेरे वर रहे
जो भी तेरी शरण आया
माँगे बिन ही बहुत पाया
विद्यापति,मैथिली,दिनकर
ने भी सब तुझसे ही पाया
मैं भी तेरी शरण आया
, तेरी चौखट सर नवाया
कर कृपा मुझ पर भी
माता आया तेरे द्वार आया
शारदे माँ , तार दे,
व्यवहार दे , आचार दे
प्रेम,धैर्य व शौर्य
दे माँ,भक्ति भाव विचार दे
पवन तिवारी
सम्पर्क – 7718080978
poetpawan50@gmail.com
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