यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

सोमवार, 22 जनवरी 2018

शारदे माँ

























गीत दे,संगीत दे, साहित्य तेरी अनुचरी
भावना, संवेदना, करुणा भी तेरी सहचरी

ज्ञान हो या विवेक तेरी कृपा से मिलता है माँ
आदमी तेरी कृपा से आदमी बनता है माँ

प्रेमचन्द,विवेकानन्द तो दयानन्द व घनानन्द
मीरा,सूर,कबीर,रहिमन तानसेन तेरे ही नन्द

हो कृपा जिस पर तेरी वो जग प्रशंसित नर रहे
कालीदास व दास तुलसी भी तो तेरे वर रहे

जो भी तेरी शरण आया माँगे बिन ही बहुत पाया
विद्यापति,मैथिली,दिनकर ने भी सब तुझसे ही पाया

मैं भी तेरी शरण आया , तेरी चौखट सर नवाया
कर कृपा मुझ पर भी माता आया तेरे द्वार आया

शारदे माँ , तार दे, व्यवहार दे , आचार दे
प्रेम,धैर्य व शौर्य दे माँ,भक्ति भाव विचार दे

पवन तिवारी
सम्पर्क – 7718080978
poetpawan50@gmail.com      



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