यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शुक्रवार, 12 जनवरी 2018

कौन जानता है किसका वजूद कितना है

कौन जानता है किसका वजूद कितना है
ये वक़्त जानता है किसका वक़्त कितना है

कयास कोई भी लगा सकता है हक है उसका
सच तो गाल को पता है तमाचा सख्त कितना है

किस्में कितनी अना है कौन खानदानी है
शऊर का लहज़ा बताता है रक्त कितना है

किसी से पूछिये अक्सर है कहता ठीक हूँ बस
सच कोई नहीं कहता कि मस्त कितना है

मालिक के सामने मजदूर क्या कहेगा, कहेगा अच्छा है
अकेले में मिलो कभी फिर पूछो बताएगा त्रस्त कितना है

बहुत कुछ हाथ मिलाना भी बता देता है
कितनी ताक़त है मज़बूत दस्त कितना है


पवन तिवारी

सम्पर्क – 7718080978


poetpawan50@gmail.com

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