कौन जानता है किसका
वजूद कितना है 
ये वक़्त जानता है
किसका वक़्त कितना है 
कयास कोई भी लगा
सकता है हक है उसका 
सच तो गाल को पता है
तमाचा सख्त कितना है
किस्में कितनी अना
है कौन खानदानी है 
शऊर का लहज़ा बताता
है रक्त कितना है 
किसी से पूछिये
अक्सर है कहता ठीक हूँ बस 
सच कोई नहीं कहता कि
मस्त कितना है 
मालिक के सामने
मजदूर क्या कहेगा, कहेगा अच्छा है
अकेले में मिलो कभी
फिर पूछो बताएगा त्रस्त कितना है 
बहुत कुछ हाथ मिलाना
भी बता देता है
कितनी ताक़त है मज़बूत
दस्त कितना है
पवन तिवारी 
सम्पर्क – 7718080978
poetpawan50@gmail.com
 
 
 
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें