बड़ा फरेब की, वादों
में भी भरमायी दुनिया
मगर इन हरकतों ने ही
सही दिखायी दुनिया
समझ आयी मुझे
इक उम्र से पहले दुनिया
खता यही थी बस मुझको
न समझ पायी दुनिया
जो भी कहता हूँ बड़बोला उसे लगता है
उम्र है कम मेरी बस
इतना समझ पायी दुनिया
मगर जब उम्र से पहले
बुलंदी पर हुआ दाखिल
होके मजबूर मेरे
हुनर पर आयी दुनिया
किसी भी और खित्ते
में नजरिया तंग ना इतना
मगर अदबी – अदीबों पर
करे बेहयाई दुनिया
बहुत सी ठोकरें , जिल्लत, कसा
है तंज दुनिया ने
सलामत रहे सदा इन्होंने
ही मेरी चमकायी दुनिया
जो देखकर भी देखना
ना चाहते हुनर
वक्त ने ही ऐसे को ‘पवन’
समझायी दुनिया
पवन तिवारी
सम्पर्क –
७७१८०८०९७८
poetpawan50@gmail.com
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