था जो दुश्मन
मेरा,मेरा प्यार हो गया
मोजज़ा हो गया , इक़रार
हो गया
जो कभी देखना चाहता
था नहीं
वो ही मिलने को अब बेकरार
हो गया
प्यार के नाम पर जो
बिदक जाता था
कल पड़ोसन के संग वो
फरार हो गया
वो जो पहली नज़र का
चला तीर तो
सीधे दिल में लगा
आर-पार हो गया
प्यार में एक पल
सब्र होता नहीं
इक घड़ी एक युग
इंतजार हो गया
कैसी-कैसी तसल्ली ये
है प्यार में
सुन के आवाज़ तेरी
क़रार हो गया
जो पड़े प्यार में वो
ही जाने इसे
प्यार में तो ‘पवन’
इश्तिहार हो गया
पवन तिवारी
सम्पर्क –
७७१८०८०९७८
poetpawan50@gmail.com
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