जब तुम्हारे क़रीब होता हूँ
सारी ख़ुशियों के पास होता हूँ
होके सब कुछ अकेलापन लगता
तुम न हो तो अकेले रोता हूँ
न हो तुम तो उदास होता हूँ
ज़िन्दगी से निराश होता हूँ
भीगा होकर भी सूखा सा लगता
लगता है जैसे ख़ुद को ढोता हूँ
जब तुम्हारे
क़रीब होता हूँ
सारी ख़ुशियों के पास
होता हूँ
देख के तुमको मगन होता हूँ
प्यार में डूबा – डूबा होता हूँ
आँखों में जुगनू उड़ने लगते हैं
जागे – जागे ही सपने बोता हूँ
जब तुम्हारे क़रीब होता
हूँ
सारी ख़ुशियों के पास होता हूँ
पवन तिवारी
१६/०६/२०२४
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