जैसे पढ़ने से मन बनता
खेल – कूद से है तन बनता
दोनों को अच्छे से किया तो
अच्छा सा जीवन बनता है
करो पढ़ाई का तुम मान
खेल कूद का भी सम्मान
मैरीकाम,सचिन को देखो
होता उनका भी गुणगान
खेलों - कूदो करो पढ़ाई
जीतोगे हर एक लड़ाई
खेलों को जो गौण बताते
उनसे दूर रहो तुम भाई
पवन तिवारी
०३/१२/२०२३
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