जंगल में मानव आया है
देख के जंगल घबराया है
पहले देख के खुश होता था
अब जैसे दुश्मन आया है
पूछा मोनू ने चाचा से
जंगल क्यों घबराया है
चाचा बोले मोनू
बेटा
मानव जंगल को खाया है
आदम खोर
भेड़िये होते
मानव जंगल खोर हो गया
और सरल भाषा में बोलूँ
मानव जंगल चोर हो गया
जंगल से जीवन बनता है
प्राणवायु तन मन बनता है
मानव केवल स्वार्थ देखता
मानव पर्वत तक खनता है
पवन तिवारी
३/१२/२०२३
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