साथ
होकर भी हम अकेले हैं
दर्द के इतने सारे
रेले हैं
प्यार
का सुख तो झोंके जैसा था
साल
वर्षों ही छल के झेले
हैं
कोई
देता दुहाई प्यार
की है
कोई
करता बड़ाई यार की है
हमको
वो प्यार यार लूट लिया
अपनी
पूरी कहानी खार की है
जब
भी कोई प्यार अपना खोता है
उसका
दिल जार - जार रोता है
मुझको
मालू है वो तड़पेगा
हाल
कितना ख़राब होता है
दुःख
से ही तो सुखों का गीत लिया
धोखे
से दिल खरीद
मीत लिया
अब
तो उसकी ही गुलामी करता
दर्द
देकर भी उसने
जीत लिया
पवन
तिवारी
१४/१२/२०२१
(मेहराबाद )
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