बेवफ़ा
पर प्यार रखता
हूँ
गज़ब
का ख़ुमार रखता हूँ
वो
हर बार बदलते जुमले
मैं
सच रह बार
रखता हूँ
उन्हें
फ़िकर है दुश्मनों की
मैं
दोस्तों का समाचार रखता हूँ
बहुत
ज्यादा नहीं मगर अच्छे
दोस्त
दो – चार रखता हूँ
मैं
कोई मिस्तरी नहीं फिर भी
हो
जरूरी ओ औजार रखता हूँ
पवन
तिवारी
२७/०९/२०२१
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