जो हँसाता है रुलाता
वो ही
हो जिसे याद भुलाता
वो ही
बैठता दर्द प्रेम के बाजू
प्रेम जाता तो सताता
वो ही
जो गिरा भी हो उठाता
वो ही
तुमको समझे जो
लुभाता वो ही
तुम जिसे व्यर्थ का
समझते रहे
वक्त पर साथ निभाता
वो ही
जो सके मार
जिलाता वो ही
भटके को राह दिखाता वो
ही
जिसने दर-दर से पाई
ठोकर है
बात अनुभव की बताता
वो ही
जिसको आये है नचाता
वो ही
जो करे सब है विधाता
वो ही
हम हैं मगरूर खिलौने
केवल
वो ही मेटे भी
लिखाता वो ही
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
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