मौत कब बार - बार आयी है
ज़िंदगी ही बड़ी हरजाई
है
कमाना पैसे बड़ी बात
मगर
प्यार सबसे बड़ी कमाई
है
फला जन्मों का पुण्य
होगा तो
दौलत-ए-इश्क उसने पाई है
आज भर पेट वो खाया
होगा
उसके चेहरे पे ख़ुशी
छायी है
उसकी बेटी की कल ही
शादी थी
बहुत दिन बाद
नींद पायी है
शाम को बाँटती है रोटी
जो
सारे फुटपाथ की वो माई है
तुम्हारा लड़ना यूँ
गैरों के लिए
पवन बस ये ही अदा भायी है
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक –
poetpawan50@gmail.comई
है
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