प्यार नफरत दोस्त
दुश्मन सब वक्त के गुलाम
वक्त भी हारा
एक के आगे नाम नाम नाम
नाम कमाने की परिपाटी
नई चल रही
है
नाम तो होगा बुरा
क्या अच्छा करते जाओ काम
नेता जी का कहना
है डर होना बहुत जरुरी है
नाम के आगे बद का
विशेषण अच्छा है बदनाम
ख़ास काम को ख़ास ही
करे अब ऐसा दस्तूर नहीं
आज के दौर में ख़ास
काम को कर जाते कुछ आम
आज की दुनिया में तो
यारों गुड़ से गोबर मँहगा है
भंगारों के भी मिलते हैं अच्छे
खासे दाम
शकल देखने के
दिन बीते कंप्यूटर से काम
आज की दुनिया में
क्या बकते किसको प्यारा चाम
धरम करम अधिकाश दिखावा उसके पीछे काम
सब माया के
पीछे भागे नहीं चाहिए
धाम
पवन यहाँ सब कुछ
स्वार्थ से बचे नहीं भगवान
राम के मन्दिर में ही बैठ कर लूट रहे हैं राम
पवन तिवारी
सम्वाद - ७७१८०८०९७८
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