उसको जवाब भी बड़ा करारा मिला
अपने गले पे जब अपना
आरा मिला
एक लहर ऐसी भी आई कि
हुआ यूँ
जो डूब रहा था उसे किनारा मिला
वो हार की चौखट पे
खड़ा होने वाला था
कि दोस्त आये जीत
गया सहारा मिला
जब से हुआ है प्रेम लोग कहने लगे हैं
अपने नगर को एक नया
आवारा मिला
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक –
पवनतिवारी@डाटामेल.भारत
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