हम कई बार मजबूरियों
की सुन के जाते हैं
दिल तो चाहता नहीं
पर कदम मिलने जाते हैं
वो सामने देखकर भी
हमें बुलाते नहीं हैं
एक हम ही हैं बस
बेशर्म से चले जाते हैं
लोग कहते हैं टूटे
दिल कभी जुड़ते नहीं
एक हम हैं मानते ही
नहीं सिलने जाते हैं
प्यार है बेहयाई है
कमजोरी है कि क्या है
क्यों चुपचाप उसके
कदमों में गिरे जाते हैं
प्यार में झुकना तो
सजदा करना है पवन
और लोग कहते हैं कि
प्यार में मरे जाते हैं
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com
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