आज कल समय गिनता हूँ
क्योंकि
समय ने मुझे गिनना
छोड़ दिया है
मैं अब उसकी
महत्वपूर्ण सूची में नहीं हूँ
किन्तु समय मेरी
महत्व की सूची में है
मैं प्रतिक्षण समय
को गिन रहा हूँ
ताकि उसे दो गुने
समय से हरा सकूँ
और वो लज्जित होकर अपनी
सबसे महत्वपूर्ण
सूची लिख सके
सम्मान के साथ,
साफ़-साफ़ शब्दों में
और मैं सदा के लिए
काल के मस्तक
हो सकूँ अंकित
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com
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