यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

मंगलवार, 11 दिसंबर 2018

आओगे उस पर चर्चा करने




वोट की बात करने वालों
विकास की बात करने वालों
लोकतंत्र की चर्चा
समतामूलक विकास की
न्याय की, शिक्षा की
समृद्ध और स्वस्थ भारत की
भारत का डंका बजाने का
नाद करने वालों
कभी भूख की छटपटाहट
पर भी बात करो
कैसे भूख से छटपटाकर
मरता होगा कोई आदमी
आओगे उस पर चर्चा करने

जो तुम्हें 10 सालों में वोट देकर
28 से 30 साल के हो कर भी
नकारा कहला रहे हैं
अपने ही माता पिता द्वारा
जो पढ़ाई के समय थे बड़े होनहार
आओगे उस पर चर्चा करने

बहुत बाते करते हो जातियों की
उन जातियों के बारे में भी तो
कभी बात करो
जो ना तो सवर्ण हैं, न पिछड़े
जो न दलित भी नहीं हैं
उनकी जाति गरीबी है या
उनकी जाति होकर भी
नहीं है कोई जाति
उनके लिए कोई योजना है
आओगे उस पर चर्चा के लिए

प्रतीक्षा करूँगा
किसी पाँच सितारा होटल की
नहीं है जरूरत
हम पेड़ के चबूतरे पर भी
करने को तैयार चर्चा
आओ बात करेंगे
आओगे ना, हाँ तो कहो,
यहां आश्वासन नहीं दोगे
ये तो दे ही सकते हो
आप तो विशेषज्ञ हो उसके
आओगे ना उस पर चर्चा के लिए

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com

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