जिसे स्वार्थ चल कर वो आयेगा ही
दुश्मन तो बार – बार आजमायेगा ही
आयेगा बिन बुलाये
जिसे प्रेम है तुमसे
खुदगर्ज़ काम निकलने पर जायेगा ही
बर्बाद होना दिखावे
में भी लाजमी ही है
जब सांड़ पालोगे तो
खेत खायेगा ही
जैसा रहे साथी वैसा ही
हो अंजाम
गर बैल सवारी तो गिराएगा ही
दिखता स्वभाव सबका
है वक्त आने पर
संगीत सुन कर गायक गुनगुनाएगा ही
कुछ भी करे कोई बेकार
नहीं कुछ
देर भले कर्म का
फल पायेगा ही
अच्छे पे जो देता है
यूँ शाबाशी ढेर सी
गर करोगे गलत
तो सुनाएगा ही
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com
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