यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शुक्रवार, 25 मई 2018

अपनी उदासियों से मैंने दोस्ती की है


अपनी  उदासियों से मैंने  दोस्ती की है
क्या करूँ जब दोस्तों नें दुश्मनी की है

होता  जो  कोई  ग़ैर तो  ज़वाब देते हम
क्या करें जब दोस्तों ने दिल्लगी की है

फ़ासले भी सिमटे खुद मजबूरियों को देखकर 
कुछ ने झूठी  शान  में  आवारगी  की   है

जो उजालों की हिमायत में किये तक़रीर थे
ऐसों  ने  ही    दिए  बुझाकर  तीरगी  की  है

वो बड़ा  होता है जो अपने समय पर काम दे
छोटे  दीपक  ने   ही   घर   में  रोशनी  की  है



पवन तिवारी

सम्पर्क- ७७१८०८०९७८

poetpawan50@gmail.com

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