यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 1 जुलाई 2017

प्यार हो जाता है किया जाता नहीं - मुक्तक

प्यार हो जाता है किया जाता नहीं
कहता है ये जमाना मैं कहता नहीं
आगे बढना नहीं गर निभा ना सको
प्यार हो जाने दो पर करो तुम नहीं

वो बुलाएं तो तुम चली जाया करो
अपनी बातें भी कहके आया करो
कभी तुम भी बुलाकर उन्हें देखना
आ जाएँ तो रिश्ता निभाया करो

आने जाने का तुम सिलसिला तो करो
बात बढ़ जायेगी हौसला तो करो
प्यार करना तो फिर पीछे हटना नहीं
घर भी बस जाएगा फैसला तो करो

प्यार जम कर करो ख्याल इतना रहे
प्यार में सबसे ऊपर समर्पण रहे
खुस रहोगे सदा कोई होगा न गम
प्यार गंगा सा अविरल ही बहता रहे
   
प्यार में डींगे बहुत देर टिकती नहीं
आदमी हो रहो, कोई जादू नहीं
उससे भी कम कहो जितना कर सको

झूठ पर कोई रिश्ता भी टिकता नही 

पवन तिवारी 
सम्पर्क - 7718080978

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