यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 24 जून 2017

होठों पे प्यार का तूँ पैगाम लिख दे














 होठों पे प्यार का तूँ पैगाम लिख दे 
मेरे होंठो पे आ अपना नाम लिख दे||

सुनता हूँ तूं कवितायें बहुत लिखती है
मेरे दिल पे भी  कोई  कलाम लिख दे||

तूं बहुत चाहती मुझको देना अगर
बस मेरे नाम अपनी इक शाम लिख दे||

मुझको लिखना नहीं तूँ कोई लंबा ख़त
लिखना है तो बस दिल मेरे नाम लिख दे||

बड़े अदब से तूँ करती सलाम बहुत है
प्यार के भी नाम इक सलाम लिख दे ||


प्यार करने की फुर्सत न दे काम जो  
तो मेरे नाम अपने सब काम लिख दे ||

जब दस्तावेज़ प्यार  का है सामने पड़ा
ऐसे में ‘पवन’ नाम सरेआम लिख दे ||

पवन तिवारी
सम्पर्क- 7718080978
poetpawan50@gmail.com

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