होठों पे प्यार का तूँ पैगाम लिख दे
मेरे होंठो पे आ अपना नाम लिख दे||
सुनता हूँ तूं कवितायें बहुत लिखती है
मेरे दिल पे भी कोई कलाम लिख दे||
तूं बहुत चाहती मुझको देना अगर
बस मेरे नाम अपनी इक शाम लिख दे||
मुझको लिखना नहीं तूँ कोई लंबा ख़त
लिखना है तो बस दिल मेरे नाम लिख दे||
बड़े अदब से तूँ करती सलाम बहुत है
प्यार के भी नाम इक सलाम लिख दे ||
प्यार करने की फुर्सत न दे काम जो
तो मेरे नाम अपने सब काम लिख दे ||
जब दस्तावेज़ प्यार का है सामने पड़ा
ऐसे में ‘पवन’ नाम सरेआम लिख दे ||
पवन तिवारी
सम्पर्क- 7718080978
poetpawan50@gmail.com
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