यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 25 जून 2017

वक्त बुरा हो तो क्या नहीं होता












वक्त बुरा हो तो क्या नहीं होता

होता वो है जो कभी सोंचा नहीं होता


 तकाज़ा वक़्त का होता है कुछ और नहीं

वरना कोई दुश्मन कोई दोस्त नहीं होता 


जिस पर भरोसा है कि अपना है

जरूरत पर वही अपना नहीं होता


आप को लगता है ये काम तो हो ही जाएगा

मगर होते-होते भी वो काम नहीं होता 


बुरा वक़्त कुछ भी नहीं एक सच्ची नसीहत है

सारे रिश्ते क्या दोस्त भी काम का नहीं होता 


बुरा न मानना माँ–बाप तक की नज़र बदल जाती है

वक़्त  खिलाफ़ हो तो कोई किसी का नहीं होता 


कर्म ही धर्म है जो सदा साथ होता है

बुरे वक़्त में और कोई साथ नहीं होता 


पवन तिवारी

सम्पर्क - 7718080978

poetpawan50@gmail.com   

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