आज ही
नहीं दीवाने हैं
तब भी
तो दीवाने थे
आज तो
जो हैं
लड़की के
दीवाने हैं
चाल
देखकर भ्रम होता है
मर्द
या जनाने हैं
इनके
लबों पर ईलू वाले गाने हैं
वो तो
भारत माता के दीवाने थे
और
लबों पर रंग दे बसन्ती गाने थे
बिस्मिल
और आज़ाद भगत सिंह
क्रांतिकारी
दीवाने थे
आजादी
मिलने के कारण
उनके
कारनामें थे poetpawan50@gmail.com
सम्पर्क- 7718080978
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