मौका परस्ती भी क्या कमाल की चीज है
कल तलक जो था गद्दार आज उसी की पहनी कमीज है
बासी दाल भी जो माँग ले जाते थे कल तलक
वही कहते हैं आप की औकात क्या है
जिन्हें दुलारा, पढ़ाया,सिखाया अदब
वही कहते हैं अब हमको गँवारू लोग है साहब
बड़े मक्कार,धोखेबाज और अय्यार देखे हैं
मगर नेता के आगे सबको हम लाचार देखें हैं
ज़माना कुछ कहे या ना कहे क्या फर्क पड़ता है
पूस की रात में अक्सर कोई गरीब मरता है
कल तलक जो था गद्दार आज उसी की पहनी कमीज है
बासी दाल भी जो माँग ले जाते थे कल तलक
वही कहते हैं आप की औकात क्या है
जिन्हें दुलारा, पढ़ाया,सिखाया अदब
वही कहते हैं अब हमको गँवारू लोग है साहब
बड़े मक्कार,धोखेबाज और अय्यार देखे हैं
मगर नेता के आगे सबको हम लाचार देखें हैं
ज़माना कुछ कहे या ना कहे क्या फर्क पड़ता है
पूस की रात में अक्सर कोई गरीब मरता है
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