मस्तक का चन्दन है हिन्दी .
माथे की बिंदी है हिन्दी.
पहचान हिन्द की है हिन्दी.
आम-आदमी की भाषा भी है हिन्दी.
भारत की संस्कृति है हिन्दी.
तुलसी, सूर, निराला,दिनकर का लेखन भी है हिन्दी.
जन-गण-मन के सुख-दुःख के संवाद का माध्यम है हिन्दी.
मानस,कामायनी,गोदान और उर्वशी है
हिन्दी.
एक अरब से अधिक कंठ की सुरमई स्वर है हिन्दी.
अधिक कहूँ क्या हिन्दी के बारे में मैं ?
जिस भाषा में अम्मा मुझे बुलाती है !
मेरी अम्मा की वो भाषा है हिन्दी.
जय हिन्दी
poetpawan50@gmail.com
7718080978
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