अच्छी चीजों को हमेशा
खोजना
पड़ता है
जैसे
– शांति, संतोष, सुख
और
ईश्वर, किन्तु !
जो
अच्छी नहीं हैं ,
जहाँ
- तहाँ पसरी हैं !
चाहे
गंदगी हो या गंदापन.
हमें
खोज में ही
जीवन
खोजना
अच्छा
जीवन दे सकता है .
पवन
तिवारी
३१/१०/२०२१
यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी
अच्छी चीजों को हमेशा
खोजना
पड़ता है
जैसे
– शांति, संतोष, सुख
और
ईश्वर, किन्तु !
जो
अच्छी नहीं हैं ,
जहाँ
- तहाँ पसरी हैं !
चाहे
गंदगी हो या गंदापन.
हमें
खोज में ही
जीवन
खोजना
अच्छा
जीवन दे सकता है .
पवन
तिवारी
३१/१०/२०२१
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें