तुम
मेरे प्रेम में शामिल रहना
मेरी
खुशियों में भी दाखिल रहना
ज़िंदगी
में कभी मुड़कर देखूँ
ज़िंदगी
में मेरी हासिल रहना
बिन
लपेटे हुए ही तुम कहना
जैसे
लगता हो वैसे ही रहना
सारे
बोझे नहीं उठाने तुम्हें
जितना
हो सहज उतना ही सहना
ज़िन्दगी
दो है जो हमारी है
ज़िन्दगी
तेरी मेरी यारी है
दोनों
समझेंगे एक दूजे को
फिर
तो ये और और प्यारी है
अब
जो अतिरिक्त साथी का साया
लगता
है वाह ख़ूब क्या पाया
एक
साथी जो खुद से प्यारा है
उसको
पाया तो प्रेम को गाया
सोचता
हूँ कमाल कर डाला
कुछ
नहीं करके प्यार कर डाला
सब
जगह हार के भी खुश हूँ अब
प्यार
पा जीत गीत कर डाला
पवन
तिवारी
०४/०८/२०२१
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें