वफ़ा
की बात करता
जा रहा है
और
देखो फिसलता जा रहा है
सदा
जिसकी वफ़ा पर गर्व करता
वही दिल से
उतरता जा रहा है
मोहब्बत में वो लाया झूठ ऐसे
कि
घर दिल का दरकता जा रहा है
है सबके सामने की बेईमानी
औ र
हँसकर मुकरता जा रहा है
वो
पत्थर जिसने तोड़ा था मेरा दिल
देखता हूँ पिघलता जा रहा है
वो हरदम ग़ैर ही था साथ रह के
मैं
ही पागल था मरता जा रहा था
मुकर कर
बात पर अपनी टिका है
झूठ
का दिल धड़कता जा रहा है
पवन
अब इश्क में मति भी लगाना
ये
दिल फिर से उलझता जा रहा है
पवन
तिवारी
२४/०७/२०२१
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