प्यार की भूख बढ़ती जा
रही है
मेरी
दुनिया उजड़ती जा
रही है
ज़िन्दगी
को पकड़ना चाहता
था
मगर
वो तो फिसलती जा रही है
मेरी किस्मत पलटती
जा रही है
ज़िन्दगी
बस
बिखरती जा रही है
उसे
इक प्यार का रुक्का मिला क्या
दिन
ब दिन बस निखरती जा रही है
रोज मर
के भी नहीं
मरता हूँ
जतन जीने
के बहुत करता
हूँ
जीने मरने
के बीच झूल
रहा
खुद की
आँखों से रोज झरता हूँ
प्यार जब से हुआ बर्बाद
हुआ
लोग कहते
हैं कि आबाद हुआ
प्यार सबसे बड़ा नशा जग में
बाद होके
भी मैं नाबाद
हुआ
पवन
तिवारी
०३/०९/२०२१
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