प्रेम
बिना
बेकार रहेंगे
तुम
बिन कैसे
यार रहेंगे
सारी
बातें
एक तरफ हैं
हम तुम्हरे
ही प्यार रहेंगे
प्रेम
है सौ - सौ बार
कहेंगे
इसके
लिए सब कुछ ही सहेंगे
दरबानी
स्वीकार है हमको
प्रेम
के ही दरबार रहेंगे
सरिता सा
हम साथ बहेंगे
पर्वत सा
हम साथ ढहेंगे
मरने से
ज्यादा क्या होगा
अंत समय
तक साथ रहेंगे
पवन
तिवारी
०१/०९/२०२१
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