सच से
नजरें मिला सामना कीजिये
ग़ैर
क्या ख़ुद को ही आइना कीजिये
पूजा
अपने लिए सारे ही
करते हैं
थोड़ा
जग के लिए कामना कीजिये
दूसरों
को तो उपदेश देते बहुत
औरों
की भी सुना साजना कीजिये
छीनकर
ये कभी भी न हासिल हुई
चाहिए
प्रेम तो याचना
कीजिये
सिर्फ़ लेने
में आनन्द आधा
रहे
थोड़ा
देने की भी भावना कीजिये
पवन
तिवारी
०३/०५/२०२१
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