प्यार
वाले
बताओ कहाँ जायेंगे
जायेंगे प्यार
के ही जहाँ
जायेंगे
भटकना
जितना है वो तो भटकेंगे ही
लौट
कर प्रेम के ही यहाँ
आयेंगे
लाख
दुःख पायें पर प्यार ही गायेंगे
जो
भी जुल्म- ओ- सितम खुद पे ही ढाएँगे
उनको
भरमाये कितना जमाना भले
किन्तु
वो प्रेम की ओर ही धायेंगे
प्रेम
में धोखा बेशक
बहुत खायेंगे
अपनों
से भी बहुत से वे छल पायेंगे
फिर
भी बढ़ते रहेंगे सहज भाव से
अंत
में सबके हिय में वही छायेंगे
प्रेम
के किस्से मिलते
हुए पायेंगे
कुछ
भी हो वैसे चेहरे बहुत भायेंगे
इससे
आकर्षक कुछ भी है जग में नहीं
प्रेम
से दो बुलावा
प्रभु धायेंगे
पवन
तिवारी
०१/०७/२०२१
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