तुम
जमाने की बात करते हो
क्या
कभी घर की बात करते हो
जाना
जाना लगाए रहते हो
कभी
आने की बात करते हो
दिल
में रहने की बात करते हो
पास
आने से मगर डरते हो
दिल
लगी है कि प्यार क्या मैं कहूँ
फ़कत
बातों से मुझपे मरते हो
आगे
या पीछे तुम तो चलते हो
हाथ
में हाथ नहीं
धरते हो
डर
या संकोच क्या बताओ तुम्हीं
बड़े
नैतिक हो या कि लगते हो
पवन
तिवारी
२९/०४/२१
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