यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

सोमवार, 2 मई 2022

कितना प्यार करें हैं तुमको

कितना प्यार करें हैं तुमको बता नहीं पाते

आकर पास जताना  चाहें  जता नहीं पाते

 

अक्सर यही   सोचते  रहते  तुम्हें  सतायेंगे

मगर प्यार इतना करते कि सता नहीं पाते

 

एक तुम्हारे नाम की चिट्ठी लिखी है वर्षों से

दिल का तुम्हारे खोज रहे हैं पता नहीं पाते

 

पवन तिवारी

१६/०३/२०२१    

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