यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 24 अप्रैल 2022

नव वर्ष की शुभकामना है

मुदित हूँ नव  वर्ष  की  शुभकामना है

सकल जन को वर्ष भर शुभकामना है

प्रकृति का सम्मान हो सब स्वस्थ होवें

सबका हो कल्याण शुभ शुभकामना है

 

सृष्टि  के   आरम्भ  में  शुभकामना  है

सर्व को  मधुमास की  शुभकामना  है

चैत्र शुक्ली प्रतिप्रदा जीवन की द्योतक

वर्ष नव है  नव  नवल  शुभकामना है

 

तरु को तृण को पुष्प को शुभकामना है

सुधा तुमको प्रथम  दिन शुभकामना है

मास चैत्र  स्वरूप  नारायण अलौकिक

विक्रमी  संवत  हो  जय शुभकामना है

 

फसल घर  आये  यही  शुभकामना है

कृषक  हर्षित  हो यही शुभकामना है  

शक्ति  के  आशीष  से नव सृजन होवे

चैत्र नवरात्री की  शुभ शुभकामना है

 

पवन तिवारी

१३/०४/२०२१

 

 

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