प्रेम
में हैं साध्य दोनों
प्रेम
में आराध्य दोनों
होते
जाते ही समर्पित
प्रेम
में हैं बाध्य दोनों
दो
बदन एक प्राण दोनो
इक
तुणीर के बाण दोनो
साथ जीवन साथ मृत्यु
इक
दूजे के त्राण दोनों
प्रेम
में अर्पित हैं दोनो
प्रेम
से चर्चित हैं दोनो
प्रेम है उदात्त
इतना
प्रेम
में अर्चित हैं दोनो
प्रेम
की ही छवि है दोनो
प्रेम
के ही कवि हैं दोनो
आभा
मंडल एक जैसा
लगता
जैसे रवि हैं दोनो
पवन
तिवारी
३१/०३/२०२१
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