यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

गुरुवार, 14 अप्रैल 2022

प्रेम में हैं साध्य दोनों

प्रेम में हैं साध्य दोनों

प्रेम में आराध्य दोनों

होते जाते ही समर्पित

प्रेम में हैं बाध्य दोनों

 

दो बदन एक प्राण दोनो

इक तुणीर के बाण दोनो

साथ  जीवन साथ मृत्यु

इक दूजे के त्राण  दोनों

 

प्रेम में अर्पित हैं दोनो

प्रेम से चर्चित हैं दोनो

प्रेम  है  उदात्त इतना

प्रेम में अर्चित हैं दोनो

 

प्रेम की ही छवि है दोनो

प्रेम के ही कवि हैं दोनो

आभा मंडल एक  जैसा

लगता जैसे रवि हैं  दोनो

 

 

पवन तिवारी

३१/०३/२०२१

 

 

 

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