कई बार आपके नाम से
जुटती है भीड़
कई बार आप के नाम से
नहीं जुटती भीड़
हर किसी के होते हैं
कम या अधिक
अपरिचित शुभचिंतक
या आलोचक
जिनके बारे में
आप कुछ नहीं जानते
परंतु यह आपके जीवन की
सभी सामान्य
कई बार निजी बातें
भी जानते हैं
प्रसिद्ध व्यक्तियों के साथ
प्रायः होता है
यह आप नहीं रचते
इसे रचता है
आपका विचार और
पूर्णता में कहूँ तो
आपका व्यक्तित्व
०६/०२/२०२१
पवन
तिवारी
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